सागरमल गोपा का जीवन परिचय | Sagarmal Gopa Jivani Hindi
सागरमल गोपा भारत में राजस्थान के जैसलमेर के स्वतंत्रता सेनानी और देशभक्त थे। इनका जन्म 3 नवम्बर , 1900 ई. में हुआ था। इनके पिता जी का नाम आख्याराज थे जो जैसलमेर के राज्य में सेवारत थे।
Sagarmal Gopa : सागरमल गोपा देशी राज्यों से संबंधित मामलों में विशेष रुचि लेते थे उनकी जनसेवा तथा स्वतंत्रता संबंधी गतिविधियों को देखते हुए उनके जैसलमेर और हैदराबाद में प्रवेश पर शासन ने प्रतिबंध लगा दिया था। प्रतिबंधों के बावजूद गोपा ने अपनी गतिविधियां जारी रखी और अखिल भारतीय देशी राज्य परिषद के अधिवेशनों में भाग लेते रहे। समाचार पत्रों तथा पुस्तकों के माध्यम से जनता को आंदोलन में भाग लेने के लिए प्रेरित किया।
स्वतंत्रता संग्राम के प्रति उनके रवैये को देखते हुए पद से हटाया गया तथा सागरमल गोपा अपने परिवार के साथ नागपुर में बस गए। उन्होंने 1921 के असहयोग आंदोलन में हिस्सा लिया था।
महारावल जवाहरसिंह के बढ़ाते हुए अत्याचारों का इन्होने डटकर विरोध किया। इसलिए 25 मई , 1942 को राजद्रोह के आरोप में इन्हे गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया गया। इन्होने जैसलमेर का गुण्डाराज एवं आजादी के दीवाने नामक पुस्तक लिखी। 1946 में इन्हे जेल में यातनाए देकर जिन्दा जला दिया गया।
गोपा के बलिदान से जैसलमेर तथा निकटवर्ती क्षेत्र की जनता को स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने के लिए प्रेरणा मिली। उनकी शहादत ने जनता के आक्रोश को नई दिशा दी। सभी प्रकार की गुलामी के बंधनों को तोड़ फेंकने के संकल्प को मजबूत किया।
इनके देहांत के बाद शहर में यह खबर फैला दी गई की गोपा स्वयं ने अपने ऊपर तेल छिड़क कर आग लगा और आत्महत्या कर ली। सागरमल गोपा ने जेल में रहते हुए 15 दिसम्बर , 1945 को मीठालाल व्यास द्वारा जोधपुर में जैसलमेर राज्य प्रजा मंडल का गठन किया गया। भारत सरकार ने 1986 में सागरमल गोपा पर डाक टिकट जारी किया गया
FAQ.
1. सागरमल गोपा का जन्म कब और कहा हुआ ?
- इनका जन्म 3 नवम्बर , 1900 ई. जैसलमेर में हुआ था।
2. सागरमल ने किस उम्र में असहयोग आंदोलन में भाग लिया था ?
- 21 वर्ष की उम्र में।
3. सागरमल द्वारा लिखी गई प्रसिद्ध पुस्तक कोनसी है ?
- जैसलमेर का गुण्डाराज
4. भारत सरकार ने सागरमल गोपा पर डाक टिकट कब जारी किया ?
- 1986 में
5. सागरमल गोपा को पुलिस द्वारा कब गिरफ्तार किया गया ?
- 25 मई , 1941